Congress महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की पहली सीडब्ल्यूसी वर्किंग कमेटी की मीटिंग हुई इस मीटिंग के क्या-क्या हाइलाइट्स रहे क्या-क्या पॉइंट्स है इस पर बात करने के लिए मेरे साथ न्यूज़ रूम में अभिषेक हैं अभिषेक सबसे पहले तो यह बता दीजिए कि जो चुनाव परिणाम आए जैसा कांग्रेस का प्रदर्शन रहा उसमें उन नंबर्स की स्वीकार्यता को लेकर कांग्रेस के अंदर क्या बात हुई क्या चर्चा रही मीटिंग में कांग्रेस के जो इंटरनल कमेटी की मीटिंग थी उसमें एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाया गया है वहां पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन
खड़गे भी मौजूद थे उनकी मौजूदगी में कांग्रेस जो पहले भी अलग-अलग राज्यों के जब चुनाव आते रहे हैं तो कांग्रेस की तरफ से यह सुर कई बार मुखर तरीके से उठा है चाहे वह हरियाणा के चुनाव रहे हो या महाराष्ट्र के चुनाव रहे हो वही बात अब उनकी मीटिंग में भी उठी कि ईवीएम पर हमें पूरी तरह भरोसा नहीं है ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है ऐसा कथित तौर पर मल्लिकार्जुन खड़के ने मीटिंग में बोला सूत्र यह भी बता रहे हैं कि उन्होंने मीटिंग में बोला कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने चाहिए यानी एक तरीके से जो पूरी

प्रक्रिया चुनाव की ईवीएम पर कांग्रेस ने यह अपनी मीटिंग में बड़े सवाल उठाए हैं जिसमें बड़ा नाम खड़गे का है कि खड़गे ने भी ऐसा कहा कि हमें ईवीएम पर पूरी तरह भरोसा नहीं है इसके बाद क्या जैसे नतीजे रहे उसको देखकर संगठन में भी कोई बदलाव की बात हुई है किसी को कोई और जिम्मेदारी देना या किसी का पद बदलना इस पर कोई चर्चा हुई हो कोई टॉकिंग पॉइंट्स अगर बाहर आए हो एक तरफ तो खड़गे ने ने कार्यकर्ताओं को यह कहा कि जो परिणाम आ रहे हैं बैक टू बैक इलेक्शंस में खासकर विधानसभा के अलग-अलग चुनावों में उससे निराश होने की जरूरत नहीं है और जो नंबर्स हैं वह हमारे जो
हमारी पूरी प्रोसेस रही है या हमने किस तरह से चुनाव लड़ा है उसको रिफ्लेक्ट नहीं करते हैं और यह भी कहा कि अ पूरी प्रक्रिया भी संदिग्ध है अभी तो आप जो नंबर्स आ रहे हैं उससे अपने प्रदर्शन को मत तौलिए लेकिन साथ में मल्लिकार्जुन खड़गे इस बैठक में थे सूत्र बता रहे हैं कि राहुल गांधी भी इस बैठक में थे जुड़े हुए थे और तमाम बड़े नेता कांग्रेस के मौजूद थे तो उनकी मौजूदगी में यह एक बड़ी बात उठी है कि संगठन के लेवल पर बड़े बदलाव की जरूरत है अब पार्टी को नंबर एक नंबर दो यह कि इसमें यह बात भी उठी मीटिंग में कि जो माहौल आपको दिखता है आपकी
रैलियों में जो भीड़ आ रही है आप जब चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो जिस तरह का रिस्पांस मिल रहा है वह माहौल हमेशा वोट में बदले यह जरूरी नहीं होता यह बात कांग्रेस ने इस मीट में खुद ही सामने रखी तीसरी बात यह उठी कि जिस तरह से हम चुनाव लड़ रहे हैं हमारी जो इलेक्शन स्ट्रेटेजी रहती है उसमें बदलाव करने की जरूरत है चौथी बात इसमें यह रही कि कांग्रेस ने यह माना कि हम जो मुद्दे उठा रहे हैं वह बहुत महत्त्वपूर्ण है चाहे वो मणिपुर का मुद्दा हो या और भी जो मुद्दे कांग्रेस उठा रही है अलग-अलग जगह पर लेकिन अब सत्ता में आना जरूरी है कि अलग-अलग राज्यों के चुनाव हो
रहे हैं मतलब बॉयज प्लेड वेल से आगे बढ़कर अब मैच जीतना जरूरी है यह भी कांग्रेस ने इस बैठक में अपना ही आत्म अवलोकन करते हुए यह बात मानी इसके अलावा जो सबसे बड़ी बात जो अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में भी चल रही है व यह कि क्या आप संगठन के लेवल पर कुछ बड़े बदलाव कांग्रेस पार्टी के अंदर देखने को मिलेंगे अगर मिलते हैं तो यह बड़ा टॉकिंग पॉइंट आने वाले दिनों में रहेगा और उसके अलावा भी आप पिछले कुछ चुनाव में देखें तो जो बात कांग्रेस ने बोली कि हमें अपने इलेक्शन स्ट्रेटेजी में बदलाव करने की जरूरत है तो मुमकिन है कि वह इस संदर्भ में कही गई हो कि जिस तरह से
ह ड़ा में चुनाव लड़ा कांग्रेस ने वहां पर एक समय तक पूरा यह माहौल था कि कांग्रेस फाइट में है और इस बार सत्ता में वापसी हो सकती है लेकिन बाद में जब चुनाव नतीजे आए तो वो कांग्रेस की उम्मीद से बिल्कुल अलग थे उसका कारण तमाम कारण थे जिनमें से तमाम एग्जिट पोल्स फेल हुए उसमें वो तो एग्जिट पोल्स सरकार बनाना तो छोड़िए इतना तो बता ही रहे थे कि टफ फाइट है और एक अपर हैंड चुनाव से पहले कांग्रेस के पास है यह भी बात हो रही थी लेकिन जब नतीजे आए तो एग्जिट पोल्स ना केवल फेल हुए बल्कि बुरी तरह गलत भी साबित हुआ और कांग्रेस को खुद

को ही शायद ऐसे इतने बुरे परिणामों की उम्मीद नहीं होगी हां और यही हाल महाराष्ट्र में भी रहा ऐसा परफॉर्मेंस रहेगा यह तो कहीं भी हमने रिफ्लेक्ट होता नहीं देखा था लेकिन जब चुना खंड में 14 ही सीट्स आई है झारखंड में 16 सीट आई लेकिन चूंकि वहां 81 सीट की विधानसभा है तो कांग्रेस यह कह सकती कि भाई हमने अपनी पिछली बार वाली पोजीशन इस बार भी मेंटेन रखी और सरकार में भी अब वहां है शामिल है लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से अपनी इलेक्शन स्टे स्ट्रेटेजी बनाई एक जाट वोट के सामने भी उन्होंने ओबीसी वोटों को
कंसोलिडेट किया महाराष्ट्र में मराठा वोट के सामने ओबीसी वोटों को कंसोलिडेट किया तो शायद उस संदर्भ में ही कांग्रेस में अब यह बात उठी है कि हमें भी अपनी इलेक्शन स्ट्रेटेजी पर नए सीरे से काम करने की जरूरत है तो ये उस मीटिंग के कुछ टॉकिंग पॉइंट्स से जो हाईलाइट से जो बाहर आए हैं सूत्रों के हवाले से हालांकि ये डिस्कशन होते हैं और मीडिया में जो चर्चाएं होती है उनके हवाले से ही होती है इस मामले में आगे जो भी अपडेट्स आएंगे हम आप तक पहुंचाते रहेंगे बाकी आप क्या राय रखते हैं इस पर आपको क्या लगता है जो कांग्रेस अपनी मीटिंग्स में बात कर रही है उससे आप
कितना इत्तेफाक रखते हैं नहीं रखते हैं आप अपनी राय हमसे कमेंट में साझा कर सकते हैं