सपा नेता अखिलेश यादव का जो पीडीए का फार्मूला था वो जमीन पर कारगर नहीं हुआ यानी पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक और जिन सात सीटों पर बीजेपी और आरडी को कामयाबी मिली उसमें से पांच पर बीएसपी उम्मीदवार ने तो दो सीटों पर चंद्रशेखर की पार्टी ने समाजवादी पार्टी के वोट काटे और यूपी चुनाव में मायावती और चंद्रशेखर के साथ असदुद्दीन ओवैसी भी वोट कटवा साबित हुए और जो सबसे बड़ा असर पड़ा वो समाजवादी पार्टी भारत माता की शनिवार को उत्तर प्रदेश में होली भी मनाई गई और दिवाली वाला जश्न भी शुरू होगा 2027 का सेमीफाइनल माने जा रहे यूपी उपचुनाव को बीजेपी ने बड़े अंतर से अपने
नाम जी द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी का स्वागत अभिनंदन हो रहा है लेकिन इस उपचुनाव का दूसरा पहलू भी है और वोह है अखिलेश यादव की सिंगल फाइट और सिंगल हार अखिलेश यादव का जो पीडीए फार्मूला लोकसभा में जनता के सर चढ़कर बोला था वो पीडीए फार्मूला इस बार बुरी तरह फ्लॉप रहा साथ ही उपचुनाव में मायावती ओवैसी और चंद्रशेखर की मौजूदगी ने भी अखिलेश के सेमीफाइनल में स्कोर करने की उम्मीदों को करारा झटका दिया यूपी के उपचुनाव में पहली बार इन चेहरों ने शिरकत की और इसका असर यह हुआ कि पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक वोट कंफ्यूज हो गया और बीजेपी का हिंदुत्व
बाजी मार गया यूपी के उपचुनावों में बीएसपी पहली बार उतरी लेकिन मायावती उपचुनाव में उतरी जरूर थी मगर मायावती और उनकी पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं ने चुनाव से दूरी बनाए रखी वोटिंग के दिन काफी गहमागहमी रही लेकिन मायावती पूरी तरह से खामोशी अख्तियार किए हुए रही जब बहुजन समाज पार्टी चुनाव लड़ती है तो उसका दलित वोट बेस है तो दलित वोट बेस अगर जाता है तो भाजपा का ज्यादा सकता है क् समाजवादी पार्टी को दलित वैसे भी वोट नहीं देताना चाहा दूसरी तरफ यूपी में ओसी की आमद और ओसी अ लखी ने भी समाजवादी पार्टी का खेल बिगाड़ दिया लक्ष्य एक ही था कि
ओवैसी को मुस्लिमों का सबसे बड़ा रहनुमा बनाकर प्रोजेक्ट किया जाए और ओवैसी समाजवादी पार्टी के लिए मुस्लिम वोट बटोरने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन गए ओवैसी ने सीधे-सीधे अखिलेश पर अपना टारगेट सेट किया जमीन महाराष्ट्र की रही तब भी ओवैसी ने अखिलेश को निशाना बनाया जालिमों तुम्हारा अखिलेश यादव मुख्यमंत्री था तो 5 हज लोग बेघर हो गए 100 के करीब खवातीन की असमत रेजी हुई आज भी 10 से 15 खवातीन का केस कोर्ट में चल रहा है ओवैसी की मुस्लिम वोट वाली लड़ाई में समाजवादी पार्टी पर बार-बार सियासी हमला संयोग नहीं बल्कि प्रयोग ओवैसी की कोशिश एआई एमआईएम को
मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने वाली सबसे बड़ी पार्टी बनाना है हालांकि समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र में 2019 विधानसभा चुनाव में सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली थी पर ओवैसी महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी को टारगेट करके उत्तर प्रदेश में 2027 की राह आसान करते नजर आए अगर समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोटर छिटक करर एआई एमआईएम में आ जाएं तो ओवैसी को नेशनल लेवल पर भी इसका बड़ा फायदा मिल सकता है देखिए असदुद्दीन ओवैसी ने भी कुछ सीटों प केवल कुछ सीटों पर कैंडिडेट उतारे लेकिन वो कैंडिडेट कहीं पर ऐसे बहुत कारगर नहीं रहे कि वो इतना बड़ा वोट चक ले गए हो कि
जिन्होंने समाजवादी पार्टी को नुकसान किया हो मायावती और ओवैसी की तरह आजाद पार्टी तैयार कर सियासी धार पाने की कोशिश में जुटे चंद्रशेखर आजाद ने भी अखिलेश यादव के फार्मूले के समीकरणों को बिगाड़ दिया मायावती की तरह चंद्रशेखर आजाद ने भी बीजेपी की झोली में गए सात सीटों में से दो पर अखिलेश का काम बिगाड़ा है चंद्रशेखर आजाद जी की आजाद पार्टी ने भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन जहां तक मैं देख रहा हूं उनका ह 120000 से ज्यादा वोट नहीं मिला है और चंद्रशेखर रावण का उकी आजाद पार्टी का कोई खास प्रभाव इस चुनाव नहीं यूपी की सियासत में मायावती और
बीएसपी हाशिए पर है लेकिन ओवैसी और चंद्रशेखर आजाद आगे भी अखिलेश यादव और उनके पीडीए फार्मूले के लिए बड़ा खतरा हो सकते हैं और 2027 से पहले अखिलेश यादव जीत के लिए कौन सा नया फार्मूला ईजाद करेंगे यह देखना भी दिलचस्प होगा